कारों की ठगी का मास्टरमाइड साथी सहित गिरफ्तार, जेल भेजा

दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) में किराए पर लगवाने के नाम पर लोगों से कार लीज पर लेकर सस्ते दामों में बेच देने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए कविनगर पुलिस ने सिपाही व उसके साथी को गिरफ्तार किया है। आरोपी सिपाही इंदिरापुरम थाने में तैनात था। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने 12 कारें बरामद की हैं। पुलिस के मुताबिक सिपाही ही गैंग को ऑपरेट कर रहा था। फरार चल रहे तीन आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है। पुलिस का कहना है कि गिरोह ने 100 से अधिक कारें बेची हैं। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अन्य कारें भी बरामद हो सकती हैं।
एसएचओ कविनगर मोहम्मद असलम ने बताया कि पुलिस ने सूचना के आधार पर आरडीसी इलाके से सिब्बनपुरा सिहानी गेट निवासी दीपक कुमार और एटा निवासी मनोज कुमार को गिरफ्तार किया है। मनोज गाजियाबाद पुलिस में सिपाही है और फिलहाल उसकी तैनाती इंदिरापुरम थानाक्षेत्र में चलने वाली डायल-112 पर है। मनोज ही गैंग का मास्टरमाइंड है। जबकि इनके तीन साथी आशु, राहुल और सुमित फरार हैं। एसएचओ ने बताया कि पकड़े गए आरोपी लोगों को डीएमआरसी में 30 हजार रुपये महीने पर गाड़ी किराए पर लगवाने का झांसा देते थे। साल भर के लिए लीज पर ली गईं गाड़ियों के ओरिजनल दस्तावेज अपने पास रखते थे और गाड़ी मालिक को डुप्लीकेट कॉपी रखने को देते थे। इसके बाद ये चंद महीनों तक गाड़ी मालिक को किराया देते थे और फि र इन गाड़ियों को सस्ते दामों में बेच दिया करते थे।
शोरूम से निकालकर दे दीं नई गाड़ियां
एसएचओ ने बताया कि गैंग के सदस्य लोगों को आमदनी बढ़ाने का गणित समझाते थे। इनके झांसे में आकर लोगों ने शोरूम से नई गाड़ियां निकालकर इन्हें किराए पर चलाने को दे दी थीं। थाने पर दिल्ली निवासी एक ऐसा पीड़ित भी आया जिसने अपनी और रिश्तेदारों की 25 गाड़ियां आरोपियों के हवाले कर दी थीं। उसका कहना था कि इन 25 गाड़ियों में अधिकांश नई गाड़ियां हैं। पुलिस का कहना है कि गैंग के सदस्य लोगों को अपने जाल में फंसाने का काम करते थे, जबकि मास्टरमाइंड सिपाही मनोज इन गाड़ियों को बेचने का काम करता था।